सृजन पथ
सोमवार, 22 मार्च 2010
रुपया
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हे रुपये
तू तो
रंग बरंगा
सुसज्जित
आकर्षण है।
सरकार ने भी
तुझे
खूब देखा भाला
फिर अचानक
तू कैसे हो गया
काला ?
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