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दिखाता रहा वह
उम्र भर लोगों को रास्ता
अपना अनुसरण करने के लिए
ताकि
बता सके
और दिखा सके वह
कि
क्या खोजा
और क्या पाया है उसने ।
मगर अफसोस
उसके पीछे कोई नहीं आया।
'गुजरने' के बाद
उसने देखा
उसकी 'अर्थी' के पीछे
चले जा रहे थे
सैंकड़ों लोग।
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