सोमवार, 8 मार्च 2010

चिड़िया का चिड़िया होना

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शोर, धमाके
और चिल्ल-पों के बीच
निरंतर जारी है
चिड़िया का चिंचियाना
बहुत सहिष्णु है चिड़िया
मासूम भोली
प्यारी सी
फुदकती रहती है
हर क्षण उल्लास के साथ ।
आकाश छूना चाहती है चिड़िया
छत, मुण्डेर और
सड़क किनारे पेड़ पर बैठी
देखती है हर ओर
माहौल की हकीकत से
परिचित है चिड़िया।
चिंचियाना संजीदगी है
शब्द विहीन चिड़िया
बहुत कुछ कहती है
जो किसी को बताना नहीं चाहती
जताना नहीं चाहती
दिखाना नहीं चाहती
चिड़िया वाकई चिड़िया है।

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