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सरसों के पीले फूल
बजाने लगे हैं तालियां
नव कोंपलें मुस्काती हैं
गीत सुनाती हैं कलियां
प्रकृति का रूप
सबको भा गया।
हर तरफ
नवोत्कर्ष छा गया
हरियाली सरसा रही है
वसन्तोत्सव में हर तरफ
नव उत्सव छा गया है
प्रकृति ने श्रृंगार किया
देखो वसंत
आ गया है।
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